आज सुबह जब निवेशकों ने Azad Engineering के शेयर को 11% नीचे देखा, तो सबके मन में एक ही सवाल था, आखिर ऐसा क्या हुआ? कंपनी के शेयर में इस गिरावट की वजह एक बड़ी ब्लॉक डील रही, जिसने पूरे बाजार का ध्यान खींच लिया। चलिए, पूरी कहानी समझते हैं।

ब्लॉक डील का असर
Azad Engineering में शुक्रवार को एक बड़ी ब्लॉक डील हुई, जिसमें कंपनी का 7.4% हिस्सा बेचा गया। करीब 48 लाख शेयर, जिनकी कीमत लगभग 780 करोड़ रुपये थी, एक ही ट्रेड में हाथ बदले। यह डील 1,640 रुपये प्रति शेयर के भाव पर हुई, जो पिछले दिन के क्लोजिंग प्राइस (1,752.90 रुपये) से 6.44% कम थी। इसी वजह से शेयर की कीमत में इतनी तेज गिरावट देखने को मिली।
कंपनी का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस
Azad Engineering एयरोस्पेस, डिफेंस और ऑयल एंड गैस सेक्टर के लिए प्रेशराइज्ड कॉम्पोनेंट्स बनाती है। कंपनी ने हाल ही में Rolls-Royce के साथ एक लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है, जिससे उसे इंजन पार्ट्स सप्लाई का बड़ा ऑर्डर मिला है।
FY25 की फाइनेंशियल हाइलाइट्स
- रेवेन्यू: 457 करोड़ (FY24 से 34% की बढ़त)
- नेट प्रॉफिट: 87 करोड़ (47% ग्रोथ)
- P/E रेश्यो: 120.51x (इंडस्ट्री औसत 52.80x से ज्यादा)
शेयर का पिछला रिकॉर्ड
- 52-वीक हाई: 2,080 रुपये (मौजूदा भाव 1,617 रुपये – 22.3% नीचे)
- पिछले 6 महीने: 8.28% की गिरावट
- ROE (रिटर्न ऑन इक्विटी): 8.49%
- ROCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड): 12.17%
क्या Rolls-Royce का डील मदद करेगा?
5 फरवरी को Azad Engineering ने Rolls-Royce के साथ एक बड़ा करार किया था। इस डील से कंपनी को लंबे समय तक इंजन पार्ट्स सप्लाई का बिजनेस मिलेगा, जिससे भविष्य में रेवेन्यू ग्रोथ को सपोर्ट मिल सकता है।
निष्कर्ष
Azad Engineering का शेयर आज ब्लॉक डील की वजह से नीचे आया है, लेकिन कंपनी के फंडामेंटल्स मजबूत हैं। डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में ग्रोथ की संभावना को देखते हुए यह स्टॉक लॉन्ग-टर्म में अच्छा परफॉर्म कर सकता है। हालांकि, P/E रेश्यो इंडस्ट्री औसत से काफी ऊपर है, इसलिए वैल्यूएशन को भी ध्यान में रखना जरूरी है।